Thursday, April 25, 2024

चीन और जापान के बाद भारत अंतरिक्ष पर्यटन में शामिल, 2030 तक अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर सकता है भारत, जानिए..

अमेरिका, चीन और जापान के बाद भारत अंतरिक्ष पर्यटन में शामिल होने वाला है। इसरो इस दिशा में योजना पर काम कर रहा है। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ के मुताबिक भारत 2030 तक अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर सकता है। इसके लिए टिकट की दर प्रति व्यक्ति छह करोड़ रुपये रहने की संभावना है।

एस। सोमनाथ ने कहा कि भारत अपने अंतरिक्ष पर्यटन मॉड्यूल पर काम कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि अंतरिक्ष यात्रा सब-ऑर्बिटल होगी या ऑर्बिटल। उप-कक्षीय अंतरिक्ष के किनारे पर 100 किमी तक यात्रा करता है जबकि कक्षीय 400 किमी तक यात्रा करता है। वे देश जहां अंतरिक्ष पर्यटन शुरू हो चुका है। वहां, पर्यटक आमतौर पर इस तरह की यात्राओं में लगभग 15 मिनट अंतरिक्ष के किनारे बिताते हैं। यह नीचे उतरने से पहले कुछ मिनटों के लिए कम गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण का भी अनुभव करता है। उड़ानें पुन: प्रयोज्य रॉकेट द्वारा संचालित होती हैं। अमेरिकी कंपनियों द्वारा सब-ऑर्बिटल स्पेस फ्लाइट का रेट करीब 4.50 लाख डॉलर है।

डेनिस टीटो पहले अंतरिक्ष पर्यटक बने

अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर और वित्तीय विश्लेषक डेनिस टिटो 2001 में पहले अंतरिक्ष पर्यटक बने। उन्होंने सोयुज अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह बिताने के लिए रूस को 20 मिलियन डॉलर का भुगतान किया। कुछ कंपनियां पहले ही लोगों को अंतरिक्ष में ले जा चुकी हैं, जिनमें जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन, रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गैलेक्टिक और एलोन मस्क की स्पेसएक्स शामिल हैं।

योजना में निजी कंपनियों की मदद

इसरो के एक वैज्ञानिक के मुताबिक निजी कंपनियों के सहयोग से अंतरिक्ष पर्यटन की योजना को पूरा किया जाएगा। कंपनियां भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के माध्यम से इसरो के साथ साझेदारी करेंगी। सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों को बढ़ावा देने के लिए इन-स्पेस बनाया है।

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