Thursday, November 30, 2023

China Pakistan US: चीन के साथ रिश्‍तों की सजा भुगतेगा पाकिस्‍तान, अमेरिका करेगा उससे किनारा..!

चीन और पाकिस्‍तान (China and Pakistan) के रिश्‍ते पूरी दुनिया को मालूम हैं। दोनों के बीच एक मजबूत गठबंधन है। एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्‍तान के साथियों के तौर पर चीन उन देशों को हरगिज मंजूरी नहीं देगा, जो उसके दुश्‍मन हैं। चीन ने पिछले दिनों पाकिस्‍तान की बैंक में अच्‍छी-खासी रकम जमा कराने का ऐलान किया है। आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्‍तान (Economic Crisis Pakistan) चीनी मदद के लिए हो सकता है उसकी हर बात को मानने लगे।

इस्‍लामाबाद: अमेरिका की एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो पाकिस्‍तान और चीन के रिश्‍ते इस समय काफी मजबूत हैं। दोनों देश एक गठबंधनकी तरफ भी बढ़ रहे हैं। मगर इस गठबंधन में उन देशों को एंट्री नहीं मिलेगी, जो चीन के दुश्‍मन हैं, खासतौर पर अमेरिका। ऐसे में दोनों देशों के इस रिश्‍ते को एक पूर्ण गठबंधन का दर्जा नहीं मिल पाएगा। अमेरिका और चीन के बीच पिछले काफी समय से तनातनी जारी है। ऐसे में यह अमेरिकी रिपोर्ट साफ तौर पर उसे परेशान करने वाली होगी। रिपोर्ट में मुख्‍यतौर पर चीन-पाकिस्‍तान के बीच सैन्‍य रिश्‍ते के बारे में बात की गई है। रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब चीन, पाकिस्‍तान को संकट से निकालने के लिए उसे कुछ कर्ज देने की तैयारी में है।

रिलेशनशिप’ टाइटल दिया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देश भविष्‍य में किसी भी गठबंधन का पूरी तरह से नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित रूप से चीन के गलत कदमों की वजह से या फिर संबंधों को रोकने के लिए विरोधियों के सक्रिय उपायों के कारण, ऐसा होने में मुश्किलें आएंगी। रिपोर्ट को यूएस इंस्‍टीट्यूट ऑफ पीस के समीर पी लालवानी ने तैयार किया है। यह इंस्‍टीट्यूट अमेरिकी कांग्रेस के साथ काम करने वाली एक संघीय संस्था है।

साल 2015 में जिनपिंग पहुंचे चीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में, विशेषज्ञों ने अलग-अलग वजहों का हवाला देते हुए चीन-पाकिस्तान सैन्य संबंधों में गिरावट का अनुमान लगाया। मगर उसी साल चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार पाकिस्तान के दौरे पर पहुंचे। यहां पर उन्‍होंने चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को एक अहम परियोजना के रूप में पेश किया। साथ ही जिनपिंग ने पाकिस्तान को आठ पनडुब्बियों देने का ऐलान भी किया। लालवानी की मानें तो एक दशक से भी कम समय में चीन-पाकिस्तान के मिलिट्री रिश्‍ते एक साझेदारी से एक कदम आगे गठबंधन की तरफ बढ़ चुके हैं।

चीन ने हथियार खरीद रहा पाकिस्‍तान

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान अहम रक्षा उपकरण तेजी से चीन से हासिल कर रहा है, खासतौर पर उच्च स्तर के फाइटर जेट्स और शक्ति प्रक्षेपण क्षमता वाले। पाकिस्तान अपने पुराने अमेरिकी और यूरोपियन प्लेटफॉर्म को रिटायर करने लगा है। लेकिन इस गठबंधन को पूरी तरह से विकसित करने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। चीन की तरफ से पाकिस्‍तान को और ज्‍यादा मिलिट्री मदद दी जाएगी। साथ ही उस जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट या फिर परमाणु शक्ति से चलने वाली अटैक पनडुब्बियों भी चीन से मिलने वाली है।

क्‍या खतरे में आ सकते हैं रिश्‍ते

हो सकता है कि दोनों देशों की सेनाएं चीन-भारत या पाकिस्तान-भारत सीमा संकट की स्थिति में एक-दूसरे के साथ आ सकते हैं। ग्‍वादर में चीन की नौसेना सर्विलांस प्रॉपर्टी तैनात कर रहा है। यह कदम भी दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्‍तों को बताता है। हालांकि दोनों देशों के नेता इस बात को मानने से इनकार कर देते हें कि पाकिस्‍तान पर चीन या फिर पश्चिम किसी एक को चुनने का कोई दबाव डाला गया है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगरों के साथ चीन का बर्ताव पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍तों को कमजोर कर सकता है। वहीं यह भी सच है कि चीन पाकिस्‍तान के बैंकों में कैश जमा कराने से भी अब उब गया है।

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