Thursday, March 23, 2023

इन 6 जगहों पर भूलकर भी न पहनकर जाएं रुद्राक्ष की माला, अन्यथा लगेगा पाप..

रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र का अक्ष। यानी भगवान रुद्र की आंखें। माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है। उन्होंने कठोर तप के बाद जब आंखें खोली तो उनके आंखों से जो आंसू भूमि पर गिरे उसे से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। रुद्राक्ष को पहने के नियम भी है। कहते हैं कि 6 जगहों पर रुद्राक्ष पहकर गए तो शिवजी नाराज हो जाएंगे।

श्मशान : रुद्राक्ष की माला या रुद्राक्ष को किसी भी रूप में धारण करके शमशान नहीं जाना चाहिए। जो शमशान के संत होते हैं वे रुद्राक्ष के नियमों का पालन करते हैं।

मृत्यु वाले घर : जहां पर किसी की मृत्यु हो गई हो वहां पर भी रुद्राक्ष पननकर न जाएं। यदि आपके घर में किसी परिजन की मृत्यु हो गई है तो रुद्राक्ष को उतारकर किसी उचित स्थान पर रख दें।

शौचालय या स्नानघर : टॉयलेट या बाथरूम में रुद्राक्ष पहनकर नहीं जाते हैं। ऐसा करने से घोर पाप लगता है। यह शिवजी का अपमान माना जाएगा।

मांस मदिरा सेवन के समय : रुद्राक्ष पहकर कर मांस भक्षण करना या शराब पीना वर्जित है। इसी के साथ ही बूचड़खाने में जाना या किसी शराब की दुकान पर जाना भी वर्जित है। जहां पर मुर्गा, बकरा आदि कटना या बनता है उस स्थान से भी दूर रहें।

बालक के जन्म पर : जहां पर किसी बच्चे का जन्म हुआ हो और प्रसूता रहती हो वहां पर रुद्राक्ष पहनकर जाना वर्जित है। एक माह तक नियम का पानल करना चाहिए। ऐसी जगह पहनकर जाने से रुद्राक्ष निस्तेज हो जाता है।

शयन कक्ष : सोने से पहले रुद्राक्ष को उतारकर उचित स्थान पर रख देना चाहिए। सोने के दौरान जहां रुद्राक्ष के टूटने का अंदेशा रहता है वहीं इससे रुद्राक्ष अशुद्ध और निस्तेज हो जाता है।

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