अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय से ही पूरा होने की संभावना है. राम मंदिर का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 में पूरा होना है. हालांकि, राम जन्मभूमि में ट्रस्ट के कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक, मंदिर निर्माण का काम सितंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि 14-15 जनवरी 2024 में रामलला को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरे देश में 100 करोड़ हनुमान चालीस का पाठ किया जाएगा.
मिश्र ने कहा, ‘राम मंदिर का भूतल का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. रामलला की मूर्ति बाल्यकाल की होगी, 7 अप्रैल को राम लाल की मूर्ति का आर्ट वर्क तैयार हो जाएगा.’ उन्होंने बताया कि रामलला की 4-5 साल के उम्र वाली मूर्ति बनाई जाएगी. भगवान राम की मूर्ति खड़ी अवस्था में होगी.
उन्होंने बातचीत के दौरान कहा, ‘8 अप्रैल को मूर्तिकार तय करेंगे कि किस पत्थर की मूर्ति बनाई जाए. हालांकि, रामलला की मूर्ति अयोध्या में ही बनाई जाएगी. मूर्ति को बनाने के दौरान धार्मिक उच्चारण किया जाएगा. रामलला की मूर्ति बनने में 6 महीने का वक्त लगेगा.’
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र के मुताबिक, ‘गर्भगृह की दीवारें 31 मार्च तक पूरी हो जाएंगी. 7 मई तक राम मंदिर की छत बनकर तैयार हो जाएगी. श्री राम जन्म भूमि परिसर में नेपाल की देवशिला को रखा जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘अगली रामनवमी से पहले रामलला अपने मूल गर्भ में विराजमान होंगे. पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि राम मंदिर के साथ साथ परिसर में महर्षि वाल्मीकि, शबरी, निषादराज के मंदिर भी बनाए जाएँ, ताकि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की मर्यादा को जन जन तक पहुंचाई जा सके.’