Wednesday, June 7, 2023

जीणमाता मंदिर: इस मंदिर में औरंगजेब ने मांगी थी माफी, एक चमत्‍कार के बाद यहा हर महीने भेजते थे तेल..

Mughal Nawab Aurangzeb and Jeen Mata Story in Hindi: राजस्‍थान का जीण माता देवी मंदिर बेहद मशहूर है. इस मंदिर को लेकर चमत्‍कारों की कई कहानियां मशहूर हैं. इसके अलावा यह मंदिर इसलिए भी अलग है क्‍योंकि यहां पर भक्‍त प्रसाद के रूप में माता को शराब अर्पित करते हैं. यह मंदिर राजस्‍थान के सीकर जिले की दांतारामगढ़ तहसील के गांव रलावता में अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है. यहां जीणमाता को चमत्‍कारों की देवी कहा जाता है. यह जीण माता का ही चमत्‍कार था कि मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना भी इस मंदिर में आकर नतमस्‍तक हो गई थी.

औरंगजेब ने मांगी थी माफी

जीण माता को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. खासतौर पर मुगल बादशाह औरंगजेब से जुड़ी चमत्‍कार की एक कहानी तो बेहद मशहूर है. जब मुगल आक्रांता भारत के हिंदू मंदिरों पर आक्रमण करके उन्‍हें तोड़ रहे थे तो कुछ मंदिर ऐसे थे जिन्‍हें तोड़ने में मुगल बादशाह नाकाम रहे और यहां उन्‍हें मुंह की खानी पड़ी. राजस्‍थान के सीकर जिले में स्थित जीणमाता मंदिर भी ऐसा ही मंदिर है. जब यहां मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना पहुंची और उन्‍होंने इस देवी मंदिर को तोड़ने की कोशिश की तो जीणमाता ने चमत्‍कार दिखाया. औरंगजेब के सैनिकों पर मधुमक्खियां टूट पड़ीं और उन्‍हें बेहाल कर दिया.

हर महीने देवी मंदिर में तेल भेजता था औरंगजेब

मुधमक्खियों के आक्रमण से मुगल सेना भाग खड़ी हुई और जीणमाता मंदिर सुरक्षित रहा. कहा जाता है कि इस घटना के बाद मुगल बादशाह औरंगजेब ने जीण माता से माफी मांगी. यही नहीं इसके बाद बादशाह औरंगजेब हर महीने अपने दरबार से सवा मन तेल भी जीणमाता मंदिर में भेजने लगा. यह परंपरा लंबे समय तक जारी रही.

बता दें शक्तिपीठ जीणधाम में चैत्र नवरात्रि के मौके पर 9 दिन का जीण मेला लगता है. जिसमें हिस्‍सा लेने के लिए देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.

Related Articles

Stay Connected

258,647FansLike
156,348FollowersFollow
56,321SubscribersSubscribe

Latest Articles