नए सुरक्षा नियम: भारत में Samsung, Xiaomi, Vivo और Apple जैसे ब्रैंड्स के स्मार्टफोन में कई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स मिलते हैं। आईटी मंत्रालय जासूसी और स्मार्टफोन यूजर्स के डेटा के दुरुपयोग से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए नए नियमों पर विचार कर रहा है। इससे पहले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Android ऑपरेटिंग सिस्टम और Google Play-Store बिलिंग को लेकर Google पर भारी जुर्माना लगाया है।
प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स- स्मार्टफोन कंपनियां फोन में कुछ ऐप्स प्री-इंस्टॉल्ड ऑफर करती हैं। फिलहाल यूजर्स इन ऐप्स को हटा नहीं सकते, क्योंकि फोन कंपनियां उन्हें ऐसा करने का विकल्प नहीं देती हैं। प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स एक कमजोर कड़ी हो सकते हैं और सरकार चाहती है कि चीन जैसा देश यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल न करे।
वर्तमान में, अधिकांश स्मार्टफोन पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स के साथ आते हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता। इनमें चीनी स्मार्टफोन निर्माता Xiaomi के ऐप स्टोर GetApps, सैमसंग के पेमेंट ऐप Samsung Pay Mini और iPhone निर्माता Apple के Safari ब्राउज़र जैसे पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप शामिल हैं।
यूजर्स को मिलेगा ऐप्स डिलीट करने का ऑप्शन- नए नियमों के तहत स्मार्टफोन कंपनियों को पहले से इंस्टॉल ऐप्स को हटाने के लिए अनइंस्टॉल का ऑप्शन देना होगा। इसके अलावा नए स्मार्टफोन मॉडल्स की टेस्टिंग ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एजेंसी द्वारा अधिकृत लैब से की जाएगी। सरकार हर प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट को उपयोगकर्ताओं को जारी करने से पहले उसकी स्क्रीनिंग अनिवार्य करने पर भी विचार कर रही है।
सरकार की सख्त कार्रवाई- यह भी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, इसलिए सरकार इस योजना को लेकर काफी गंभीर है. स्मार्टफोन ऐप्स को लेकर सरकार ने 2020 में सबसे सख्त कदम उठाया। इस बीच टिकटॉक जैसे लोकप्रिय ऐप समेत 300 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया गया। इसके बाद सरकार ने चीनी कंपनियों के निवेश की जांच भी तेज कर दी है।