All Female News Panel In Afghanistan: अफगानिस्तान में जब से तालिबान सत्ता में लौटी है, तभी से महिलाओं की स्थिति काफी खराब हो गई है। पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अफगान महिलाओं ने कुछ ऐसा किया, जिसके बारे में किसी ने भी नहीं सोचा होगा।
15 अगस्त, 2021 का दिन अफगानिस्तान (Afghanistan) के इतिहास में एक काला दिन माना जाता है। इसी दिन आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने देश में सरकार का तख्तापलट करते हुए सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया। तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के बाद से ही देश की व्यवस्था काफी खराब हो गई। पर इसका सबसे बुरा असर महिलाओं पर पड़ा। महिलाओं से उनकी आज़ादी छीन ली गई और उन्हें घर में कैद होकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पर कल, 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुछ अफगान महिलाओं ने एक बड़ा कदम उठाया।
न्यूज़ ब्रॉडकास्टर पर ऑल फीमेल पैनल
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अफगान न्यूज़ ब्रॉडकास्टर टोलो न्यूज़ (Tolo News) ने अपने स्टूडियो से ऑल फीमेल पैनल के साथ एक शो पेश किया। तालिबान के राज में अफगानिस्तान में इस तरह की चीज़ें अब नहीं होती ऐसे में यह एक एक दुर्लभ अवसर था। इस शो में सर्जिकल मास्क से अपने चेहरों को ढंके हुए 3 महिलाओं ने पैनल में हिस्सा लिया। साथ ही मॉडरेटर के तौर पर भी एक महिला मौजूद रही। इतना ही नहीं, ऑडियंस में भी महिलाएं ही रही। इस ऑल फीमेल पैनल ने मॉडरेटर के साथ इस्लाम में महिलाओं की स्थिति के बारे में चर्चा की।
पैनल में शामिल जर्नलिस्ट आंसा खोग्यानी ने कहा, “इस्लाम के नज़रिए से महिलाओं के हक हैं। एक महिला को शिक्षा पाने का और नौकरी करने का पूरा हक है। पैनल में शामिल पूर्व यूनिवर्सिटी प्रोफेसर ज़किरा नबील ने कहा, “महिलाएं सीखने और काम करने के तरीके ढूंढती रहेंगी। आप चाहो या न चाहो, महिलाएं इस समाज का हिस्सा है। अगर उनके लिए स्कूलों में शिक्षा पाना संभव नहीं होगा तो वो घर पर ही शिक्षा प्राप्त करेंगी।”
तालिबान के राज में कैसी है महिलाओं की स्थिती?
तालिबान के राज में अफगानिस्तान में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियाँ हैं। तालिबान के राज में अफगान महिलाओं के मानवाधिकारों का हनन होता है। उन्हें शिक्षा और नौकरियों से भी वंचित रखा जाता है। अफगानिस्तान में लड़कियों को स्कूल-कॉलेज में पढ़ने की अनुमति अब नहीं दी जाती है। किसी भी फील्ड में नौकरियों के लिए भी महिलाओं को मौका नहीं दिया जाता। जो थोड़ी बहुत अफगान महिलाएं नौकरी कर रही हैं वो बिना ऑफिस जाएं ही नौकरी कर रही हैं। अफगान महिलाएं देश में किसी NGO में भी काम नहीं कर सकती। इतना ही नहीं, तालिबान के राज में अफगानिस्तान में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद ही खराब है।
कुछ मौकों पर अफगान महिलाओं ने तालिबान के अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए, पर इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। कुछ महिलाओं का कहना है कि तालिबान के राज में उनका काम सिर्फ शादी करके परिवार को आगे बढ़ाना ही रह गया है। अफगान महिलाएं देश में इस तरह की स्थिति से काफी परेशान हैं, पर इसको सुधारने के लिए कुछ करना उनके लिए नामुमकिन सा लगता है।