उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के सैकड़ों कलाकारों द्वारा पूजा-अर्चना कर इस मंदिर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी अयोध्या भेजी गई है।
यह एक ऐतिहासिक क्षण है
वन और सांस्कृतिक मामलों और मत्स्य राज्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि रामायण और वर्तमान चंद्रपुर में वर्णित दंडकारण्य से बहुत उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी भेजी जा रही है। मंत्री ने बताया कि करीब 1,855 क्यूबिक फीट लकड़ी अयोध्या भेजी गई है। इसका उपयोग मंदिर के मुख्य द्वार, गर्भगृह के द्वार और मंदिर के अन्य द्वारों के निर्माण में किया जाएगा। मंत्री ने आगे कहा कि भगवान राम की दादी इंदुमती वर्तमान महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से थीं। यह ऐतिहासिक क्षण है जब दादी की जन्मभूमि से पोते के मंदिर बनाने के लिए सागौन की लकड़ी भेजी जा रही है।
विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दरवाजों के लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर की श्रेष्ठतम सागवान लकड़ी का चयन किया गया है।
मंदिर के द्वारों हेतु काष्ठ, संतों और भक्तों द्वारा पूजन के पश्चात अयोध्या के लिए दिनांक 29 मार्च को रवाना होगी। pic.twitter.com/IXQg10STAN
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) March 27, 2023
मंदिर का निर्माण कार्य तय समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय से महीनों पहले पूरा होने की संभावना है। राम जन्मभूमि स्थित ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि हमें विश्वास है कि मंदिर का निर्माण कार्य तय समय से तीन महीने पहले पूरा कर लिया जाएगा. हमने इसकी डेडलाइन दिसंबर 2023 से घटाकर सितंबर 2023 कर दी है। इस साल सितंबर में मंदिर को अंतिम रूप मिल जाएगा।