ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु छाया ग्रह हैं। दोनों ग्रहों का राशि परिवर्तन सभी राशियों के जीवन को प्रभावित करता है। राहु और केतु को पाप ग्रह कहा जाता है। ये दोनों ग्रह विपरीत दिशाओं में चलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु को एक चक्र पूरा करने में डेढ़ वर्ष का समय लगता है।
मेष: राहु-केतु की युति के कारण मेष राशि वालों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। इस समय तनाव बढ़ने की संभावना है। कई तरह की परेशानियां आपको घेर सकती हैं। इस दौरान पत्नी से विवाद बढ़ सकता है।
वृषभ: राहु-केतु का गोचर वृष राशि वालों के लिए परेशानी भरा रहेगा। इस समय आपको कदम-कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। धन का अपव्यय बढ़ेगा। घर में अशांति रहेगी।
कन्या: राशि वालों के लिए यह समय कठिन रहेगा। राहु-केतु का गोचर आपके संघर्ष को बढ़ा सकता है। इस दौरान हर क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार और नौकरी में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अपनों के साथ रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है।
मीन: मीन राशि वालों के लिए यह अवधि कुछ परेशानियों से भरी रहेगी। व्यापारिक परेशानियां बढ़ सकती हैं। कर्ज से निपटना मुश्किल हो सकता है। संतान को लेकर किसी प्रकार की चिंता रहेगी। व्यर्थ के कार्यों पर अत्यधिक व्यय होगा।