चाणक्य एक शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे जिन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ लिखा था। उसने मौर्य वंश की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्मे, चाणक्य की शिक्षा तक्षशिला में हुई, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र है। वह अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्ध रणनीति, चिकित्सा और ज्योतिष जैसे विभिन्न विषयों में गहन ज्ञान रखने वाला एक उच्च शिक्षित व्यक्ति था।
इसी क्रम में आचार्य चाणक्य ने एक नीतिशास्त्र का सूत्रपात किया जिसमें उन्होंने कई बातों का उल्लेख किया है जो व्यक्ति को सफल बनाती हैं। इसी नीति में यह भी उल्लेख किया गया है कि आप जिसके साथ रहते हैं उसका आपके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने बुद्धिमान व्यक्ति के क्या लक्षण बताए हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग बड़ों का सम्मान करते हैं और उनकी बातों को मानते हैं वे बुद्धिमान होते हैं। ऐसे लोग दूसरों में प्यार ढूंढते हैं। ऐसे लोग कभी दूसरों में कोई दोष नहीं निकालते, क्योंकि वे स्वयं अच्छे व्यक्ति होते हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो लोग उद्यमी होते हैं वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं। सफलता के लिए सही समय पर सही कदम उठाने वाले लोग बुद्धिमान लोगों की श्रेणी में आते हैं। चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार बुद्धिमान लोग हमेशा टीम वर्क में विश्वास रखते हैं, इसलिए उन्हें हर कार्य में सफलता मिलती है। चाणक्य के अनुसार बुद्धिमान लोगों में दूसरों की तुलना में अधिक तर्क क्षमता होती है। अपने अध्ययन के बल पर वह विद्वानों को भी परास्त कर सकता है। बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी दूसरों को बिन मांगी सलाह नहीं देते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि आम लोग फ्री की किसी भी चीज को बेकार समझते हैं और फ्री की चीज को गंभीरता से नहीं लेते।