United Front Work Department China: यूरोप और एशिया में दबदबा कायम करने की कोशिशों के बीच चीन (चीन) ने कनाडा के चुनाव (China Interfate Canada Elections) में भी दखलअंदाजी की है. कनाडाई मीडिया रिपोर्टों के खुलासे के बाद एक कनाडाई संसदीय समिति चीनी चुनाव हस्तक्षेप की जांच करेगी। इस बीच चीन में जादू अलादीन के चिराग को लेकर बहस जोर पकड़ चुकी है। जिसे उन्होंने यूनाइटेड फ्रंट डिपार्टमेंट नाम दिया है। आइए जानें कि इस UFD के बारे में दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का क्या कहना है और यह कैसे काम करता है।
पिछले साल एनजीओ सेफगार्ड डिफेंडर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने न्यूयॉर्क सहित दुनिया भर में अवैध पुलिस स्टेशन खोले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध चीनी पुलिस स्टेशन न केवल अमेरिका में बल्कि कनाडा और कई यूरोपीय देशों में भी चल रहे हैं।
जिसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने अमेरिकी सीनेट कमेटी को बताया है कि एजेंसी इन रिपोर्ट्स पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास इन थानों की जानकारी है। निजी तौर पर चीन द्वारा हमारे देश के अंदर और न्यूयॉर्क जैसी जगहों पर पुलिस स्टेशन खोलना बेहद आपत्तिजनक है। बिना किसी जानकारी के ऐसा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
जासूसी गुब्बारों से दुनिया भर की जासूसी करने वाले चीन के पास एक गुप्त विभाग है जिसके आधार पर वह बिना खून की एक बूंद बहाए दुनिया के किसी भी देश में उथल-पुथल मचा सकता है। कहा जाता है कि शी जिनपिंग के इस जादुई हथियार की दंश अमेरिका भी नहीं तोड़ सकता। दुनिया भर के अमेरिकी थिंक टैंक और बुद्धिजीवियों ने इसे विश्व सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। हालाँकि, यह जादुई शक्ति शी जिनपिंग का चमत्कार नहीं है, बल्कि चीन के पूर्ववर्तियों की सोच है, जिसके आधार पर चीन के शासकों के मन में दुनिया पर राज करने का विचार आया होगा। चीन के इस विभाग का नाम यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट है।
चाइनीज युनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (यूएफडब्ल्यू) शिक्षकों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, छात्रों और बड़े बिजनेस टाइकून सहित प्रभावशाली लोगों के एक बड़े समूह को रोजगार देता है। यह सेक्शन दो तरह से काम करता है। माओ ने देश के बाहर काम करने के लिए 1949 में इसकी स्थापना की थी। संयुक्त मोर्चा विभाग का फंडा है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन चीन के प्रति उदार है तो उसे अपने पाले में ले। दूसरी तरफ जो लोग और संगठन चीन के खिलाफ हैं, उनके खिलाफ दुष्प्रचार इस तरह फैलाओ कि वे अपनी समस्याओं में इस कदर उलझ जाएं कि चीन के बारे में बुरा सोचना बंद कर दें।
चीन के इस धड़े ने दुनिया के कई देशों में दखलअंदाजी की है। कई बुद्धिजीवियों का मानना है कि चीन का यह जादुई हथियार अमेरिका, रूस, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में इस कदर फला-फूला है कि चीन अब दूसरे देशों के संसदीय चुनावों में दखल देने लगा है। ताजा उदाहरण कनाडा में हुए चुनाव का है। जिसमें एक संसदीय समिति चीन के दखल की जांच कर रही है।