भारत की सांस्कृतिक परंपरा और पौराणिक कथाएं किसी एक राज्य या भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण भारत में ऐसे करोड़ों मंदिर हैं, जो किसी दैवीय शक्ति के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में एक प्रसिद्ध और पवित्र धन्वंतरि मंदिर भी है, जहां कुछ दिन पहले से ही धनतेरस के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है।
इस लेख में हम आपको इस प्रसिद्ध धन्वंतरि मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं कि दिवाली और धनतेरस के मौके पर यहां भक्तों का तांता क्यों लगा रहता है। चलो पता करते हैं। हम जिस पवित्र और प्रसिद्ध धन्वंतरि मंदिर की बात कर रहे हैं वह मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित है। यह प्राचीन मंदिर स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और यहां प्रतिदिन सुबह और शाम आरती की जाती है। दिवाली और धनतेरस के दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
धनवंतरी मंदिर का इतिहास:
इंदौर स्थित धन्वंतरि मंदिर का इतिहास बहुत ही रोचक है। कहा जाता है कि इस पवित्र मंदिर का इतिहास 50-100 साल नहीं बल्कि 182 साल से भी ज्यादा पुराना है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इसे स्वयं भगवान ने बनवाया था, जबकि कुछ का मानना है कि मंदिर का निर्माण प्राचीन राजाओं ने करवाया था।
धनवंतरी मंदिर की पौराणिक कथा:
जिस तरह इस मंदिर का इतिहास बेहद रोचक है उसी तरह इस मंदिर की पौराणिक कथा भी काफी दिलचस्प है। इस मंदिर से एक नहीं बल्कि कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
- बहुत से लोगों का मानना है कि जो कोई भी दिवाली या धनतेरस के दिन इस मंदिर की मिट्टी को तिजोरी में रखता है, उसे अपार धन की प्राप्ति होती है।
- स्थानीय लोगों का मानना है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- कहा जाता है कि भक्तों की मनोकामना पूरी होती है, वे यहां यज्ञ भी करते हैं। यज्ञ करने से धन्वन्तरि प्रसन्न होते हैं।
बेहद खास है धन्वंतरि मंदिर:
इस मंदिर के साथ ही मंदिर में मौजूद भगवान धन्वंतरि की मूर्ति भी बेहद खास है। यहां मौजूद मूर्ति करीब तीन फीट ऊंची है। कहा जाता है कि यह मूर्ति जयपुर से मार्बल मंगवाकर बनाई गई थी। इस मंदिर परिसर में राधा-कृष्ण की एक मूर्ति भी है।